 केरल में निपाह वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वो भी तब जब दुनिया मेडिकल के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर चुकी है। आज से 150 से 200 साल पहले तक जब हम मेडिकली इतने विकसित नहीं थे, तब ऐसे कई वायरस दुनिया पर अपना कहर बरपा चुके हैं। इन्हीं में से एक बुबोनिक प्लेग भी था। इसने एक बार नहीं बल्कि तीन बार दुनिया के अलग-अलग हिस्सों को अपना शिकार बनाया। इसका तीसरा हमला चीन और उसके रास्ते भारत पर था, जब 19वीं सदी के आखिर में इसने अकेले भारत में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।
केरल में निपाह वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वो भी तब जब दुनिया मेडिकल के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर चुकी है। आज से 150 से 200 साल पहले तक जब हम मेडिकली इतने विकसित नहीं थे, तब ऐसे कई वायरस दुनिया पर अपना कहर बरपा चुके हैं। इन्हीं में से एक बुबोनिक प्लेग भी था। इसने एक बार नहीं बल्कि तीन बार दुनिया के अलग-अलग हिस्सों को अपना शिकार बनाया। इसका तीसरा हमला चीन और उसके रास्ते भारत पर था, जब 19वीं सदी के आखिर में इसने अकेले भारत में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
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